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तंदूरी रोटी हो या चिकन-सोया चाप, दिल्ली वाले अब नहीं ले पाएंगे मजा, आपकी तंदूरी रोटी से बिगड़ रही दिल्ली की हवा, सरकार को लेना पड़ा एक्शन, ढाबों और होटलों को सख्त हिदायत दी गई।

Tandoor Ban In Delhi
Tandoor Ban In Delhi

Tandoor Ban In Delhi : दिल्ली की हवालगातार जहरीली बनी हुई है, मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के नीचे था, जो बेहद खराब श्रेणी है, इससाल दिवाली से ही करीब-करीब ऐसी स्थिति बनी हुई है, प्रदूषण कमकरने के सरकार के तमाम दावे बेकार साबित हो रहे हैं, गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने शहर के सभी होटल, रेस्तरां और खुले ढाबों में कोयला और लकड़ी सेजलने वाले तंदूरों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में अब दिल्लीवाले तंदूरी रोटी, नान, चिकन टिक्का या सोया चाप का मजा नहीं ले पाएंगे।

आदेश के मुताबिक सभी रेस्तरां और खानेकी दुकानों को तुरंत इलेक्ट्रिक, गैस-आधारित या अन्य स्वच्छ ईंधन वालेउपकरणों पर स्विच करना होगा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने यह निर्देशवायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31(A) के तहतजारी किया है, आदेश में साफ कहा गया है कि कोयला और लकड़ी से चलने वालेतंदूर अब पूरी तरह वर्जित हैं।

Tandoor Ban In Delhi
Tandoor Ban In Delhi

प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कहा है कि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार तय मानकों से ऊपर बना हुआ है और कोयले से होने वाली खाना पकाने की प्रक्रिया स्थानीय प्रदूषण का एक बड़ा कारण है, यह निर्देश पहले से लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत दिए गए प्रावधानों के अनुरूप हैं, जिसमें तंदूर में कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक को पहले चरण की कार्रवाई माना गया है।

सभी को सख्ती से पालन करना होगा नियम

समिति ने जून 2022 में स्वीकृत ईंधन सूची और 21 नवंबर 2023 को संशोधित ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का हवाला देते हुए कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े सभी विभागों को इन नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा

नगर निगमों और शहरी निकायों के कमिश्नरों और चीफ इंजीनियरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी ढाबा, होटल या रेस्टोरेंट कोयला या लकड़ी का इस्तेमाल न करे।

केवल बिजली या गैस से चलने वाले तंदूर की अनुमति

आदेश में साफ कहा गया है कि अब केवल बिजली या गैस से चलने वाले तंदूर ही चलाए जा सकते हैं और इस नियम में किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी, यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद जारी किया गया है और सभी संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है।

 

 

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