रायपुर में 150 करोड़ की सरकारी जमीन का घोटाला, रसूखदार और अधिकारियों की मिलीभगत, रेरा ने बिक्री पर लगाई रोक।

CG Land Scam Raipur : राज्य गठन के बाद का सबसे बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 150 करोड़ रूपए लगाई जा रही है। इस घोटाले को पूरे सुनियोजित तरीके से किया गया है।
सबसे पहले सरकारी घास जमीन को किसानों के नाम किया गया, फिर इसी जमीन को शहर के दो नामी रसूखदार की कंपनियों ने किसानों से खरीदा, इसके बाद जमीन को देश की नामी मल्टीनेशनल कंपनी को बेच दिया गया, कंपनी इस जमीन पर प्लाटिंग कर लोगों को बेचेगी, इसके लिए कंपनी ने एक बड़ा विज्ञापन भी जारी किया है।

गौरतलब हो कि रायपुर तहसील के डोमा में करीब 50 एकड़ जमीन तहसील के रिकॉर्ड में चराई और घास भूमि के नाम दर्ज थी, जिसे किसी निजी स्वामित्व में नहीं दी जा सकती थी, इसके बावजूद इस जमीन को कुछ किसानों को अलॉट किया गया, बाद में इसी जमीन कोस्वास्तिक प्रोजेक्ट्स और रूपी रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों नेखरीद ली, अफसरों ने भी बिना किसी जांच के करोड़ों की जमीन दो कंपनियों केनाम कर दी,इसके बाद जमीन एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनीमेसर्स गोदरेज प्राइवेट लिमिटेडको बेच दी गई।

रसूखदारों के हौसले कितने बुलंद है इस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेरा में बगैर पंजीयन कराए ही जमीनों बिक्री शुरूकर दी गई, अनियमितता की शिकायत RERA को मिली तोमामले की जांच कराई गई तो सामने आया कि इस प्रोजेक्ट का रेरा (RERA)में पंजीयन ही नहीं है,इसे नियम का उल्लंघन मानते हुए (खसरा नंबर 213/2, 213/125, 15016, 15017/1 ) भूमि की क्रय-विक्रय पर रोक लगाई जा रहीहै, बताया जा रहा है कि इस मामले में तीन एजेंटों शशिकांत झा (पुणे), दीक्षा राजौर (मुंबई) और प्रॉपर्टी क्लाउड्स रियल्टी स्पेसिफायर प्राइवेटलिमिटेड (मुंबई) को नोटिस भी जारी किया गया।