रायगढ़ की सियासत में प्रकाश की आस …. या रोशनी की चमक बिखेरेंगे विभाष ……. क्या है शहर कांग्रेस का सियासी समीकरण ?
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने रायगढ़ शहर की सीट पर कब्जा जमाया और प्रकाश ने जीत का परचम लहराया । दरअसल ये जीत भाजपा के दो दिग्गजों की लड़ाई की देन रही । अब रोशन अग्रवाल नहीं रहे , तो विजय अग्रवाल के भी तेवर नरम दिख रहे हैं। भाजपा के पास सदर सीट पर कोई रसूखदार दावेदार नहीं है । इधर राजनीतिक पंडितों की मानें , तो कांग्रेस को भी मौजूदा विधायक से कोई खास आस नहीं । ऐसे में विकल्प के रूप में विभाष का नाम उछाला जा रहा है । पिछले कुछ अरसे में सीएम के साथ उनके पुख्ता रिश्तों की गवाही देती तस्वीरों ने सियासी जानकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है ।
खैर राजनीति हो या क्रिकेट कब कौन हिट विकेट या क्लीन बोल्ड हो जाए अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं । मौजूदा वक्त में प्रकाश के समर्थक अपने विधायक के परफॉर्मेंस को लेकर खुशी जता रहे हैं , लेकिन इतना तो तय है, कि आक्रामक बल्लेबाजी और उलट-फेर करने में माहिर विभाष को सियासी तौर पर कमतर नहीं आंका जा सकता ।