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सांसद ने उठाई गुणवत्ता पर उंगली, गाजीपुर स्टेशन पर निर्माण घोटाले की जांच शुरू

Jyoti Dewangan (updated: 10-04-2025 , 15:05)

उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे स्टेशन पर जो निर्माण कार्य चल रहा है, उसमें भ्रष्टाचार की बू साफ-साफ महसूस की जा सकती है। अफजाल अंसारी का दावा है कि इस परियोजना में रेलवे अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से गुणवत्ता के साथ बड़ा समझौता किया गया है और यह सीधा-सीधा जनता की गाढ़ी कमाई के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यों की सतही गुणवत्ता और लापरवाही को देखकर यह स्पष्ट है कि निर्माण में मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया गया है।

पूर्वोत्तर रेलवे की एक समीक्षा बैठक के दौरान अफजाल अंसारी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने रेलवे प्रशासन से इस मामले में जवाबदेही तय करने और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की। सांसद की इस पहल के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच के आदेश दिए। इसी क्रम में वाराणसी एडीआरएम आरएल यादव के नेतृत्व में एक तकनीकी टीम को निरीक्षण के लिए भेजा गया। खुद सांसद अफजाल अंसारी भी इस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और गाजीपुर सिटी रेलवे स्टेशन के विकास कार्यों का विस्तार से निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान सांसद ने कई खामियों को उजागर किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बताया कि निर्माण कार्य में लापरवाही और अनियमितताएं बरती गई हैं। निरीक्षण के समय का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें अफजाल अंसारी खुद अपने हाथ से दीवार का प्लास्टर हटाते हुए देखे जा सकते हैं। प्लास्टर हाथ से ही उतर जाने से निर्माण कार्य की निम्न गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह दृश्य न केवल चौंकाने वाला था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि निर्माण में किस हद तक घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है।

सांसद अफजाल अंसारी ने रेलवे अधिकारियों से यह सवाल भी किया कि जब इस बिल्डिंग का पेमेंट पहले ही कर दिया गया है और इसका उद्घाटन भी हो चुका है, तो अब तक इसका विधिवत हैंडओवर क्यों नहीं किया गया है? यह सवाल सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि जवाबदेही से जुड़ा हुआ था। उनका कहना था कि यदि भुगतान हो चुका है और उद्घाटन हो गया है, तो अब तक स्टेशन की नई बिल्डिंग को रेलवे संचालन के लिए उपयोग में क्यों नहीं लाया गया? यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं सिस्टम में गंभीर खामियां हैं और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठते हैं।

इस पूरी घटना ने गाजीपुर सिटी स्टेशन पर हो रहे निर्माण कार्यों की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसद द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचा दी है और अब रेलवे विभाग की तकनीकी टीम द्वारा जांच की जा रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है और दोषियों को क्या सजा मिलती है। यह मामला केवल एक रेलवे स्टेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि यदि सार्वजनिक परियोजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित नहीं की गई, तो जनता की मेहनत की कमाई किस प्रकार बर्बाद हो सकती है। सांसद की सक्रियता से इस तरह के मामलों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है, और यदि जांच निष्पक्ष तरीके से पूरी की जाती है, तो यह एक सकारात्मक उदाहरण बन सकता है कि लोकतांत्रिक प्रणाली में जनप्रतिनिधि जनता के हितों की रक्षा के लिए क्या भूमिका निभा सकते हैं।

भ्रष्टाचार का आरोप निर्माण कार्यों में 
इन्हीं दिक्कतों को लेकर मंगलवार को बनारस में रेलवे सलाहकार बोर्ड जो एनईआर रेलवे की तरफ से आयोजित की गई थी. इसमें करीब 32 सांसद परिधि में आने वाले शामिल हुए थे. इसमें गाजीपुर के सांसद ने गाजीपुर के रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की. इसके बाद वहां मौजूद रेलवे महाप्रबंधक और डीआरएम ने तत्काल एडीआरएम की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई और अगले ही दिन गाजीपुर रेलवे स्टेशन पर भेजा.

 रेलवे स्टेशन की जांच के लिए पहुंचे सांसद
यह जांच गाजीपुर सांसद की देखरेख में होनी था. जब टीम और सांसद रेलवे स्टेशन की जांच कर रहे थे और वहां पर प्लेटफॉर्म धंसने और ग्रेनाइट टूटने की वजह पूछी गई तो अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफॉर्म को चूहों ने अंदर ही अंदर कुतर दिया है. इस वजह से प्लेटफॉर्म जगह-जगह धंस रहे हैं. यह बात सांसद को कुछ हजम नहीं हुई. क्योंकि अगर चूहों की वजह से प्लेटफॉर्म का इतना बड़ा नुकसान हुआ है तो रेलवे की तरफ से चूहों को पकड़ने के लिए क्या उपाय किए गए. इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था.

अधिकारियों ने चूहे पर लगाया आरोप 
निरीक्षण के बाद सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि प्लेटफॉर्म के धंसने के पीछे अधिकारियों ने चूहे की कारस्तानी बताई, लेकिन यह बात सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को दबाने के लिए बताई जा रही है. क्योंकि अगर चूहा या दीमक प्लेटफॉर्म का नुकसान कर रहे हैं तो इन लोगों का भी कोई न कोई ट्रीटमेंट होगा. क्योंकि आज हमारा विज्ञान बहुत ही आगे बढ़ चुका है और इन छोटी-छोटी दिक्कतों के लिए इतना बड़ा नुकसान और लोगों के लिए समस्या नहीं बनाई जा सकती. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे इन ग्रेनाइट को लेकर दावा करता है कि यह भूकंपरोधी है और अगले 100 सालों तक किसी भी तरह का भूकंप आता है तो इसको कोई नुकसान नहीं होगा.

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